बड़े अज़ीब लोग हैं यहां पर।
बेतुकी बातों का सहारा लेकर एक बड़ा बवाल खड़ा करने में लगे हैं।
बात का ना सिर है ना पैर है।
बस किसी एक इंसान को ढूंढकर उसकी इज्ज़त खराब करने में लगे है।
खुद की इज्ज़त घर में नहीं तो बाहर क्या होगी।
इल़्म नहीं है किसी ठोस चीज का, तभी तो गिनती इनकी मूर्खों में होगी।
जल जाते है किसी कि तरक्की देखकर
खुद के बस की बात नहीं
और लगा देते है इल्ज़ाम उस शख्स पर
चाहे खुद की रत्ती भर औकात नहीं
ये दुनिया हैं जनाब यहां दबकर रहे तो मूर्ख अपने आप को शहंशाह समझ बैठते हैं
इनको औकात में रखो, जो अब अपने पैरों में बैठते हैं।
यही असल जगहा है इनकी, इन्हें यहीं रखा जाए
अगर कोई इल़्मदार और तहज़ीबदार हो कदमों में तो उसको जरूर ऊपर रखा जाए।
शहज़ादा प्रवेज़ ✍️📜
©Shahzada Parvezz
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