वो जो छोड़ आये थे हमें कीचड़ समझ कर,,, जब मुझमें कमल
"वो जो छोड़ आये थे हमें
कीचड़ समझ कर,,,
जब मुझमें कमल खिले तो
फिर तोड़ने आये..!
संभाल लूंगा खुद्द को,,,
खुद्द के दिलासे से,,,
देखो ज़ालिम की सितम
मेरे आँसू सूखने पर
फिर वो दिल जोड़ने आये..!
☺️"
वो जो छोड़ आये थे हमें
कीचड़ समझ कर,,,
जब मुझमें कमल खिले तो
फिर तोड़ने आये..!
संभाल लूंगा खुद्द को,,,
खुद्द के दिलासे से,,,
देखो ज़ालिम की सितम
मेरे आँसू सूखने पर
फिर वो दिल जोड़ने आये..!
☺️