वास्तव में मैं और परमात्मा एक ही थे l तीन पर्दे (अंधकार, प्रकाश और शब्द) के कारण खुदा से जुदा हुए हैं Iध्यान-साधना से एक-एक पर्दे को हटाकर मैं और प्रभु फिर से एक हो जायेंगे I
"जो आईना देखा तो तू रुबरु है, निगह जिस तरफ उठ गई तू ही तू है I
मगर राज इक और अब यह खुला है, कि मैं तुझमें और मुझमें तू, बस रहा हैं "
©Dev Kumar