White हर समय बैचेनी/ फिकरें लगी रहती हैं,,
कुछ भी होश नहीं होता
कुछ भी याद नहीं रहता,,,,
दर बदर भटकने से भी कोई दर नजर नहीं आता
जहां एक पल को
सुकूं मिले ,आराम मिले,,,
बड़ा तड़प रहे हैं झुलस रहे हैं बिखर रहे हैं
लेकिन
क्यों!? क्यों!? ऐसा!?!? क्यों!?!?
कोई भी समझ नहीं आई
रोया तड़पाया मैंने क्या है कमाया
इस दुनिया दारी कि खातिर
मैने क्या खोया क्या पाया,,,,.....
©Rakesh frnds4ever
#रोया #पछताया
हर समय #बैचेनी / फिकरें लगी रहती हैं,,
कुछ भी #होश नहीं होता
कुछ भी #याद नहीं रहता,,,,
#दर_बदर भटकने से भी कोई दर नजर नहीं आता