ठंड से भरी हुई शाम,
चाए के साथ।
उसके हाथों का जादू,
होठों का रस,
जब प्याली लगाई,
उसने मुंह से।
सामने बैठी,
मैंने एक टकी से,
घटों निहारा,
उसकी खुबसूरती को,
जी भर के पीया।
©Anil Kumar Jaswal
#teatime @heartlessrj1297 @Devesh Dixit gaTTubaba Praveen Storyteller अब्र The Imperfect