ये बारिश सच में क्या बादलों
के टकराने से आती है?
या दूर आसमान में कोई
बदली चुपचाप आंसूं बहाती है?
शायद चाँद......
किसी सितारे के तिकोने पर
एक झूला रेशमी डोर वाला
बांध आता है....
जिस पर बैठ बादल
विरह का गीत गाता है
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©Dipendra singh Rajpurohit
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