अपने गम में रोऊँ या गैरों के दुनिया में जहां भी दे | हिंदी कविता

"अपने गम में रोऊँ या गैरों के दुनिया में जहां भी देखा गम ही गम दिखाई दिया क्यों दिखता है मुझे हर जगह गम की गहराइयाँ आँसुओं का सैलाब तन्हाईयों का कोहरा और सन्नाटे में आवाज ©Kiran Agarwal"

 अपने गम में रोऊँ
या गैरों के
दुनिया में जहां भी देखा
गम ही गम दिखाई दिया
क्यों दिखता है मुझे
हर जगह
गम की गहराइयाँ
आँसुओं का सैलाब
तन्हाईयों का कोहरा
और सन्नाटे में आवाज

©Kiran Agarwal

अपने गम में रोऊँ या गैरों के दुनिया में जहां भी देखा गम ही गम दिखाई दिया क्यों दिखता है मुझे हर जगह गम की गहराइयाँ आँसुओं का सैलाब तन्हाईयों का कोहरा और सन्नाटे में आवाज ©Kiran Agarwal

#Anhoni

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