White ढूंढ रही हैं नजरे शायद अभी दिख जाएं। आया है | हिंदी कविता Video

"White ढूंढ रही हैं नजरे शायद अभी दिख जाएं। आया है फिर राखी का त्यौहारकहीं किसी बहन को बिछड़ा भाई तो किसी भाई को बिछड़ी बहन मिल जाएं। माना राखी महंगी और रिश्ते सस्ते हों गए है। पर कभी तो बाहरी दिखावा छोड़ मन की आंखों से मेल हटा कर मिल लिया करो। जानें कब किसी की अगली सुबह आंख न खुले इसलिए जब याद आए तब ही बात कर लिया करों। ©Chandrawati Murlidhar Gaur Sharma "

White ढूंढ रही हैं नजरे शायद अभी दिख जाएं। आया है फिर राखी का त्यौहारकहीं किसी बहन को बिछड़ा भाई तो किसी भाई को बिछड़ी बहन मिल जाएं। माना राखी महंगी और रिश्ते सस्ते हों गए है। पर कभी तो बाहरी दिखावा छोड़ मन की आंखों से मेल हटा कर मिल लिया करो। जानें कब किसी की अगली सुबह आंख न खुले इसलिए जब याद आए तब ही बात कर लिया करों। ©Chandrawati Murlidhar Gaur Sharma

बार कोई त्यौहार आता है,
पर तू नज़र नहीं आता है।
इस बार भी राखी का त्यौहार आया है,
पर यादों को कोई मिटा नहीं पाया है।

पूजा की थाली सजाती हूँ हर बार,
भिन्न-भिन्न राखियां और पसंदीदा मिठाई करती हूँ तैयार।
मन में एक दर्द और आँखों में आँसू की धार,

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