#वाक़िये तो #अनगिनत हैं #ज़िंदगी_के, #समझ_नहीं आ | हिंदी Life

"#वाक़िये तो #अनगिनत हैं #ज़िंदगी_के, #समझ_नहीं आता कि #किताब_लिखूँ या #हिसाब लिखूँ.. ©kinsuk tekam"

 #वाक़िये  तो #अनगिनत हैं #ज़िंदगी_के, #समझ_नहीं  आता कि #किताब_लिखूँ या #हिसाब  लिखूँ..

©kinsuk tekam

#वाक़िये तो #अनगिनत हैं #ज़िंदगी_के, #समझ_नहीं आता कि #किताब_लिखूँ या #हिसाब लिखूँ.. ©kinsuk tekam

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