इस अरमान को अपना यार ना समझने वाला
है एक शख्स मेरे प्यार को प्यार ना समझने वाला
मरने को तो ना जाने कितनी दफा मर चूका हूँ उसपर
वो तो है बस आईने को अपना दीदार समझने वाला
लिखने को बाकि है क्या सब कुछ लिख चूका हूँ मै
वो समझता है खुदको हीरा मुझे बेकार समझने वाला
मुझे यकीन है वो ढूंढेगा मुझे एक दिन पागल की तरह
खैर क्या समझेगा फिलहाल हकीकत को ख्वाब समझने वाला
©Armaan Ali
ना समझ.....
#OneSeason