सब शांत बैठे थे, लेकर दिल मे दर्द बैठे थे। थे बेर | हिंदी कविता Video

"सब शांत बैठे थे, लेकर दिल मे दर्द बैठे थे। थे बेरोजगार लेकिन, फिर भी पीकर शराब, बने सहंशा बैठे थे। हमसे मां बाप की आस लगी थीं, दाव पर हमारी शाख लगी थीं। हाथ से वक्त फिसल रहा था, पर हाथ हमारे असफलता ही लगी थीं। मन में कुछ, दिल में कुछ चल रहा था, मानो हमारे अंदर हमसे ही युद्ध चल रहा था। ©Abhishek Yadav "

सब शांत बैठे थे, लेकर दिल मे दर्द बैठे थे। थे बेरोजगार लेकिन, फिर भी पीकर शराब, बने सहंशा बैठे थे। हमसे मां बाप की आस लगी थीं, दाव पर हमारी शाख लगी थीं। हाथ से वक्त फिसल रहा था, पर हाथ हमारे असफलता ही लगी थीं। मन में कुछ, दिल में कुछ चल रहा था, मानो हमारे अंदर हमसे ही युद्ध चल रहा था। ©Abhishek Yadav

कविता

People who shared love close

More like this

Trending Topic