White कृष्ण! कृष्ण! कृष्ण ! कृष्ण कथ्य तथ्य हैं
, जीव और जीवन के सार-शोध कृष्ण हैं
, कृष्ण शोध विश्व के हैं, मूल हैं मनुष्यता के
, युद्ध में धनुर्धरों का धर्म-योध कृष्ण हैं,
कृष्ण बोध मित्रता के
, मित्र पे आ जाये जो तो, ले के चक्र दौड़ जाए, ऐसा क्रोध कृष्ण है, कृष्ण क्रोध कालिया या कंस हेतु होंगे किंतु छाछ पे नचे जो नाच, भी अबोध कृष्ण हैं !
कृष्ण। कृष्ण हैं विधान, ध्यान प्रक्रिया है सारे योग दोष के उपाय मात्र कृष्ण है
, कृष्ण! कृष्ण कारक हैं, कर्ता व क्रिया है कृष्ण, कथा-कला- काल के कहाये मात्र कृष्ण है
, कृष्ण ! कृष्ण एक सत्य ! भाव है, प्रभाव कृष्ण
, युद्ध धर्माधर्म बीच, न्याय मात्र कृष्ण है,
कृष्ण ! कृष्ण पांडवों के, कुन्ती द्रौपदी के कृष्ण, मेरे आपके सहाय, हाय! मात्र कृष्ण हैं।
©dimpal yadav
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