गले से लगाना हो तो आओ , तुम दुर , बहुत दुर होकर भी | हिंदी लव

"गले से लगाना हो तो आओ , तुम दुर , बहुत दुर होकर भी सीने में धड़कते हो ... मेरे पास कुछ देर ठहर जाना हो तो आओ , तुम दुर , बहुत दुर होकर भी हवाओ से गुजरते हो ... कब से मेरी दोनो हाथेलियों के बीच चांद ठहरा नहीं है , इन सांसो में समाना हो तो आओ , तुम दुर , बहुत दुर होकर भी मेरी आँखो में चमकते हो , मुझसे लिपट जाना हो तो आओ , तुम दुर , बड़ी दूर होकर भी बारिश की बुन्दो से मेरे बदन पर थिरकते हो... ©Monika Suman"

 गले से लगाना हो तो आओ ,
तुम दुर , बहुत दुर होकर भी सीने में धड़कते हो ...
मेरे पास कुछ देर ठहर जाना हो तो आओ ,
तुम दुर , बहुत दुर होकर भी हवाओ से गुजरते हो ...
कब से मेरी दोनो हाथेलियों के बीच चांद ठहरा नहीं है ,
इन सांसो में समाना हो तो आओ ,
तुम दुर , बहुत दुर होकर भी मेरी आँखो में चमकते हो ,
मुझसे लिपट जाना हो तो आओ ,
तुम दुर , 
बड़ी दूर होकर भी बारिश की बुन्दो से मेरे बदन पर थिरकते हो...

©Monika Suman

गले से लगाना हो तो आओ , तुम दुर , बहुत दुर होकर भी सीने में धड़कते हो ... मेरे पास कुछ देर ठहर जाना हो तो आओ , तुम दुर , बहुत दुर होकर भी हवाओ से गुजरते हो ... कब से मेरी दोनो हाथेलियों के बीच चांद ठहरा नहीं है , इन सांसो में समाना हो तो आओ , तुम दुर , बहुत दुर होकर भी मेरी आँखो में चमकते हो , मुझसे लिपट जाना हो तो आओ , तुम दुर , बड़ी दूर होकर भी बारिश की बुन्दो से मेरे बदन पर थिरकते हो... ©Monika Suman

#ms #monikabijendra

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