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"एक असफल बेरोजगार को
यहीं सोचकर आगे बढ़ना चाहिए "
कि भले हीं "किताबों" से मेरा संघर्ष,
"खजूर" के पेड़ की तरह ..
काफ़ी लंबा ज़रुर हों गया !
लेकिन मुझे ख़ुद पर पुरा भरोसा है..
कि जिस दिन मुझे ....
मेरी मेहनत का फल मिलेगा !
"नजारा" देखने लायक होगा।
हम सबमें एक खूबी होती हैं कि
हम फ्यूचर की बजाय...
अपने पास्ट के बारे में ज्यादा सोचते हैं !!
©Ramesh Mahil
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