तभी जाकर ठंडक होगा झेलम का रक्तिम पानी ,
और पड़ोसी याद रखेगा एक थप्पड़ हिंदुस्तानी ,
वो बर्फ की घाटी में आसुब हो गया होगा ,
सितारा टूटकर अंबर में कब का खो गया होगा ,
वो जीना चाहता होगा आज भी देश की खातिर है ,
मगर देश के गद्दारों को देखा तो फिर से सो गया होगा ,
ये हमले पल में रुक सकते थे आगे बढ़कर हुंकार भरो ,
इन आतंकी अड्डों पर तुम बन्बो की बौछार करो ,
©AVNEESH PRAJAPATI
desh bhakti
#Rose @Vandana Mishra मोहित भईया जी दिल बाले