ना सुरक्षित वो रौशनी थी जिसे देख मैं तसव्वुर लिये | हिंदी विचार Video

"ना सुरक्षित वो रौशनी थी जिसे देख मैं तसव्वुर लिये खड़ा था एक अजीब सी बैचैनी हुए के मेरे साये की पिछे भी किसी का साया खड़ा है। । ©karthik r "

ना सुरक्षित वो रौशनी थी जिसे देख मैं तसव्वुर लिये खड़ा था एक अजीब सी बैचैनी हुए के मेरे साये की पिछे भी किसी का साया खड़ा है। । ©karthik r

Ke isq mai iss Kadr toote huye hai barsho se iltjaa yai rahi .....

नायाब हो उजाले कहीं कोई ख़ामोशी को पडे कोई......

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