मेरे अंदर किसी उम्मीद का दीपक जला के रख दिया फिर | हिंदी शायरी

"मेरे अंदर किसी उम्मीद का दीपक जला के रख दिया फिर उसने ज़िंदगी को एक अफसाना बना के रख दिया कहा मैंने कि ये दिन चॉकलेट देने का होता है सो उसने अपने होंठो को मेरे होठों पे लाके रख दिया ©Vikash shukla 'वाकिफ़'"

 मेरे अंदर किसी उम्मीद का दीपक जला के रख दिया

फिर उसने ज़िंदगी को एक अफसाना बना के रख दिया

कहा मैंने कि ये दिन चॉकलेट देने का होता है

सो उसने अपने होंठो को मेरे होठों पे लाके रख दिया

©Vikash shukla 'वाकिफ़'

मेरे अंदर किसी उम्मीद का दीपक जला के रख दिया फिर उसने ज़िंदगी को एक अफसाना बना के रख दिया कहा मैंने कि ये दिन चॉकलेट देने का होता है सो उसने अपने होंठो को मेरे होठों पे लाके रख दिया ©Vikash shukla 'वाकिफ़'

#happy_chocolate_day

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