दीप जलते रहे मन से मन मिलते रहे… गिले सिकवे सारे मन से निकलते रहे… सारे विश्व मे सुख-शांति की प्रभात ले आये… ये दीपो का त्योहार खुशी की सोंगात ले आये। आप सभी प्रिय मित्रों को दीपावली सुहृदय से शुभकामना।। सत्यराम।।
©आचार्य मोहनदास:
दीप जलते रहे मन से मन मिलते रहे… गिले सिकवे सारे मन से निकलते रहे… सारे विश्व मे सुख-शांति की प्रभात ले आये… ये दीपो का त्योहार खुशी की सोंगात ले आये। आप सभी प्रिय मित्रों को दीपावली सुहृदय से शुभकामना।। सत्यराम।।