अबला और निर्बल समझकर दर्द वो देता गया गलत था, वो | हिंदी कविता

"अबला और निर्बल समझकर दर्द वो देता गया गलत था, वो इंसान...जो ख़ामोशी को जीत समझता गया। ©Amol M. Bodke"

 अबला और निर्बल समझकर दर्द वो देता  गया
गलत था, वो इंसान...जो ख़ामोशी को 
जीत समझता  गया।

©Amol M. Bodke

अबला और निर्बल समझकर दर्द वो देता गया गलत था, वो इंसान...जो ख़ामोशी को जीत समझता गया। ©Amol M. Bodke

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