जिगर का टुकड़ा उसकी खुशी मे खुश रहे वो । उसकी उदासी
"जिगर का टुकड़ा उसकी खुशी मे खुश रहे वो ।
उसकी उदासी मे रोये वो ।
उसे दुर रहके खुद से दुर हो जाये वो ।
उस पर ये सारा जहा लुटाये वो ।
वो एक माँ है जो अपने जिगर के टुकङे
के मुश्कान मे खुद को मिटा दे ।"
जिगर का टुकड़ा उसकी खुशी मे खुश रहे वो ।
उसकी उदासी मे रोये वो ।
उसे दुर रहके खुद से दुर हो जाये वो ।
उस पर ये सारा जहा लुटाये वो ।
वो एक माँ है जो अपने जिगर के टुकङे
के मुश्कान मे खुद को मिटा दे ।