यह एहसास भी जाने कितने हैं
जो कभी पुराने या फिर कम नहीं पड़ते
तुमने जो सोचा भी नहीं है वह सब कुछ हो चुका है
तुम्हें नहीं पता कुछ भी क्योंकि वह बस मैंने जिया है
तुम नहीं सोचते इतनी गहराई से
शायद सोचते होंगे पर शब्द नहीं मिलते होंगे
हां प्यार का इजहार करने के लिए तुम्हारे शब्दों की जरूरत है
क्योंकि मैं हर बार एहसास पढ़ना नहीं चाहती
मुझे शब्दों की जरूरत पड़ती है
कि तुम जो महसूस करते हो मुझसे कह भी सको
शायद इसीलिए मैं इतनी विचलित हूं
मुझे तुम शून्य में भी छू लो तो भी मैं पूर्ण हो जाऊं।
©Deeksha shah
#nightshayari