जवानी जवानी कहते रहे
दिल हुए ना जवां तो फिर क्या फायदा
कहानी कहानी यूं बनती रहीं
जब सुनीं ना किसी ने तो फिर क्या फायदा
जिये बहुत और जिये भी नहीं
तो फिर ऐसे जीने का क्या फायदा।
मुहब्बत मुहब्बत करते रहे
जब मिला ना सनम तो फ़िर क्या फायदा
वफ़ा पर वफ़ा हम निभाते रहे
जब मिली ना वफ़ा तो फ़िर क्या फायदा
इरादे शिखर तक जाने के थे
संग चला ना सनम तो फिर क्या फायदा।
रोते रोते कटी जो रातें
उन रातों के जगने का क्या फायदा
सोते सोते बीते जो दिन
उन दिनों के उगने का क्या फायदा
बिता दी उम़र यूँ बेगारी मैं सारी
फ़िर यूँ जिंदा ही रहने का क्या फायदा।
ज़िन्दगी ज़िन्दगी खेले हम बहुत
जब हारे हर बाजी तो फिर क्या फायदा
बन्दगी बन्दगी है ऐ मौत तुझे
जीत लेंगे तुझे पर अब क्या फायदा
जिन्दगी को जो जीते सिकंदर वही
यूँ मर मर के जिया तो क्या फायदा।
©Vishal Chaudhary
#क्या_फायदा