ना हम कभी रूठे किसी से, ना हमें कोई यार मनाने आया। | English Shayari

"ना हम कभी रूठे किसी से, ना हमें कोई यार मनाने आया। आई गर्मी पहले, फिर बरसात, आख़िर में जाड़ा आया। ख्वाहिश थी के आए ज़िंदगी में इश्क का मौसम, कमबख्त हिस्से मेरे सिर्फ़ पतझड़ आया। ©"Author Shami" ✍️ (Satish Girotiya)"

 ना हम कभी रूठे किसी से, ना हमें कोई यार मनाने आया। 
आई गर्मी पहले, फिर बरसात, आख़िर में जाड़ा आया। 

 ख्वाहिश थी के आए ज़िंदगी में इश्क का मौसम, 
कमबख्त हिस्से मेरे सिर्फ़ पतझड़ आया।

©"Author Shami" ✍️ (Satish Girotiya)

ना हम कभी रूठे किसी से, ना हमें कोई यार मनाने आया। आई गर्मी पहले, फिर बरसात, आख़िर में जाड़ा आया। ख्वाहिश थी के आए ज़िंदगी में इश्क का मौसम, कमबख्त हिस्से मेरे सिर्फ़ पतझड़ आया। ©"Author Shami" ✍️ (Satish Girotiya)

#autumn

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