कुछ यूँ तेरा ख्याल मुझे आ के चला गया,
जैसे किसी बच्चे को कोई बहला के चला गया...!!
बड़ा गुरूर था दरिया को अपनी गहराई का,
कोई आकर निगाहों सेे उसे बहा के चला गया...!!
वो आया था ये कहकर के मेरी प्यास बुझायेगा,
बस पल भर वो लबों से लब मिला के चला गया...!!
मैं रोया था इक अरसे तक उसे पाने की खातिर,
वो आया और थपककर मुझे सुला के चला गया...!!
यूँ तो मैं अक्सर उसे कम ही याद करता था,
वो मिला यूँ के नई उम्मीद दिला के चला गया...!!
सर-ए-महफ़िल न जाने कितने दिल टूट गये होंगे,
वो आया और नज़रों से मुझे बुला के चला गया...!!
©Pawan Dvivedi
#kohraधुंधला