जिसके छूने से हो जाते थे रज के कण-कण चन्दन जिसकी य | हिंदी Quotes

"जिसके छूने से हो जाते थे रज के कण-कण चन्दन जिसकी याद किया करती है मेरे माथे पर चुम्बन एकाकी मैं जिसकी सुधि की गोद में लेटा रहता हूँ सच कहता हूँ हर दिन हरपल माँ का बेटा रहता हूँ ©Ghumnam Gautam"

 जिसके छूने से हो जाते थे रज के कण-कण चन्दन
जिसकी याद किया करती है मेरे माथे पर चुम्बन 
एकाकी मैं जिसकी सुधि की गोद में लेटा रहता हूँ
सच कहता हूँ हर दिन हरपल माँ का बेटा रहता हूँ

©Ghumnam Gautam

जिसके छूने से हो जाते थे रज के कण-कण चन्दन जिसकी याद किया करती है मेरे माथे पर चुम्बन एकाकी मैं जिसकी सुधि की गोद में लेटा रहता हूँ सच कहता हूँ हर दिन हरपल माँ का बेटा रहता हूँ ©Ghumnam Gautam

#ghumnamgautam
#याद
#चुम्बन

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