हां उससे मुलाकात होती है ,
मिलकर बहुत सारी बात होती है ,
पता नहीं क्यो उससे दिल की बात कह नहीं पाता हु ,
कि तेरे बिना मैं एक पल रह नहीं पाता हु ,
सोचता हु तुझको हर लम्हा अपने ख्यालो मे ,
तुझसे दूर होकर मैं शो नहीं पाता हु ,
ये सब कहने से डरता हु तुझसे ,
क्योकि खोने से डरता हु तुझे ,
काश ये बात तेरे दिल तक पहुच जाये ,
और मेरे हिस्से का खुदा प्यार मुकम्मल हो जाये !
©Atit Arya
हां उससे मुलाकात होती है ,
मिलकर बहुत सारी बात होती है ,
पता नहीं क्यो उससे दिल की बात कह नहीं पाता हु ,
कि तेरे बिना मैं एक पल रह नहीं पाता हु ,
सोचता हु तुझको हर लम्हा अपने ख्यालो मे ,
तुझसे दूर होकर मैं शो नहीं पाता हु ,
ये सब कहने से डरता हु तुझसे ,
क्योकि खोने से डरता हु तुझे ,