//नियति//
कोई नहीं जानता यहाँ, नियति कब किसे कहाँ किस राह लेकर जाएगी,
जो मिलना होगा मिल कर रहेगा, जो नहीं, वो किस्मत छीन ले जाएगी,
इसलिए हर परिस्थिति में जीने के लिए खुद को तैयार करना है ज़रूरी,
कर्म ही वो मूल मंत्र जिससे भाग्य की रेखा भी एक दिन बदल जाएगी।
कभी -कभी हम स्वयं ही नहीं करते हैं प्रयास और भाग्य को दोष देते हैं,
माना ये नियति होती बड़ी जिद्दी है पर मौका भी तो हम ही उसे देते हैं,
ये ज़िन्दगी जंग का मैदान है दोस्तों, यहांँ लड़ना पड़ता है किस्मत से भी,
और केवल हम एक हार से घबरा कर, खुद को अंँधेरों में कैद कर लेते हैं।
©Mili Saha
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