मौत दस्तक दे चुकी है दर पर
जीने का शौक अभी बाकी है
गमों के भंडार पड़े ही माझी में
खुशियों का मुस्तकबिल आना बाकी है
मुश्किलें तो कई खड़ी है आगे
छूना आसमान अभी बाकी है
बिखरा नहीं जरा भी जिंदगी मै
खुद को समेटना अभी बाकी है
काटो को हटाना सीख गया हूं राह से
मंजिल पाना अभी बाकी है
अभी ही तोह आया हुआ
नाम बनाना अभी बाकी है
तराश रहा हूं खुद की गलतियों को
जिंदगी से सीखना अभी बाकी है
और अकेले गुजर गए कितने दिन
इश्क करना भी अभी बाकी है
#Pehlealfaaz