एक अधूरा चाँद रातों को भटके जिसे प्रेम मिल गया बाव | हिंदी Shayari

"एक अधूरा चाँद रातों को भटके जिसे प्रेम मिल गया बावरे उसके मन को खटके... इतना शीतल इतना निर्मल बनना खुद पर कलंक लगाता है जो करें मोहब्बत छुप छुप के वो दुनियां पर दोष लगाता है ©naveenlupoetry"

 एक अधूरा चाँद रातों को भटके
जिसे प्रेम मिल गया बावरे
उसके मन को खटके...

इतना शीतल इतना निर्मल बनना
खुद पर कलंक लगाता है
जो करें मोहब्बत छुप छुप के
वो दुनियां पर दोष लगाता है

©naveenlupoetry

एक अधूरा चाँद रातों को भटके जिसे प्रेम मिल गया बावरे उसके मन को खटके... इतना शीतल इतना निर्मल बनना खुद पर कलंक लगाता है जो करें मोहब्बत छुप छुप के वो दुनियां पर दोष लगाता है ©naveenlupoetry

#chaand

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