ममता ना देखा कोई तुझ सा, ना पाया कोई खुदा तुझ सा | मराठी कविता

"ममता ना देखा कोई तुझ सा, ना पाया कोई खुदा तुझ सा करे नमन खुदा भी जिसको वो कोई और नहीं बस तू है माँ | इस दरिंदों की दुनिया में तेरे आंचल में बेखौफ खेलूं। इन नकाबो की दुनिया में तुझ में बस एक ममता की मूर्त का नकाब देखू | खुद के सपने कहीं पीछे छोड़,बच्चों के सपने साकार करती है । वो कोई और नहीं बस तू है मां, जो बिन कहे सब कुछ करती है | जो बिन पगार 365 दिन काम करें,वीकेंड पर तेरा काम डबल हो जाए | फिर भी थकान तुझे छू ना पाए | खुद की जिंदगी ताउम्र, परिवार के लिए जिए | बांधे रखे परिवार को प्यार से जो और खुद प्यार से विलीन रहे | अपनी इच्छाओं को त्याग कर, बिन कहे सब कुछ कर दे| वो त्याग की मूर्त है तू। वो कोई और नहीं बस तू है माँ | अधिकारियों की खबर नहीं,जिम्मेदारी बखूबी जानती है| अपना निवाला भी देकर,खुद खाली पेट सो जाती है| बदकिस्मत है वह औलाद,जो तेरे बुढ़ापे में तेरा सहारा ना बन पाए। ना दे पाए तुझे दो वक्त की रोटी,जो सजाती थी पकवानों से थाली उनकी | ना समझ हैं वो उस कर्जे,जो ताउम्र उतारे ना उतरेगा| वो बता कर तेरी ममता को फर्ज,खुद औलाद का फर्ज भूल जाते हैं | फिर भी तू अपना आशीर्वाद बरसाए उन पर | तू वो इंसानियत की मिसाल है माँ | जिसे खुदा भी नमन करता है। कैसे भूलू तुझे जिसने मुझे बनाया, मेरे अस्तित्व को मेरी पहचान बनाया| मुझे तो तूने बनाया, मेरा तो खुदा भी तू और संसार भी तू| ना देखा कोई तुझसा, ना पाया कोई खुदा तुझसा | करे नमन खुदा भी जिसको,वो कोई और नहीं बस तू है माँ ©Nitu Rastogi"

 ममता ना देखा कोई  तुझ सा,
ना पाया कोई खुदा तुझ सा
करे नमन खुदा भी जिसको
वो कोई और नहीं बस  तू है माँ |
इस दरिंदों की दुनिया में तेरे आंचल में बेखौफ खेलूं। 
इन नकाबो की दुनिया में तुझ में बस एक ममता की मूर्त  का नकाब देखू  |
खुद के सपने कहीं पीछे छोड़,बच्चों के सपने साकार करती है ।
वो कोई और नहीं बस तू है मां, जो बिन कहे सब कुछ करती है |
जो बिन पगार 365 दिन काम करें,वीकेंड पर तेरा काम डबल हो जाए |
फिर भी थकान तुझे छू ना पाए |
खुद की जिंदगी ताउम्र, परिवार के लिए जिए  |
बांधे रखे परिवार को प्यार से जो और खुद प्यार से विलीन रहे |
अपनी इच्छाओं को त्याग कर, बिन कहे सब कुछ कर दे| वो त्याग की मूर्त है तू। 
वो कोई और नहीं बस तू है माँ |
अधिकारियों की खबर नहीं,जिम्मेदारी बखूबी जानती है| 
अपना निवाला भी देकर,खुद खाली पेट सो जाती है| 
बदकिस्मत है वह औलाद,जो तेरे बुढ़ापे में तेरा सहारा ना बन पाए। 
ना दे पाए तुझे दो वक्त की रोटी,जो सजाती थी पकवानों से थाली उनकी |
ना समझ हैं वो उस कर्जे,जो ताउम्र उतारे ना उतरेगा|
वो बता कर तेरी ममता को फर्ज,खुद औलाद का फर्ज भूल जाते हैं | 
फिर भी तू अपना आशीर्वाद बरसाए उन पर |
तू वो इंसानियत की मिसाल है माँ |
जिसे खुदा भी नमन करता है। 
कैसे भूलू तुझे जिसने मुझे बनाया,
मेरे अस्तित्व को मेरी पहचान बनाया|
मुझे तो तूने बनाया,
 मेरा तो खुदा भी तू और संसार भी तू| 
ना देखा कोई तुझसा, ना पाया कोई खुदा तुझसा |
करे नमन खुदा भी जिसको,वो कोई और नहीं बस तू है माँ

©Nitu Rastogi

ममता ना देखा कोई तुझ सा, ना पाया कोई खुदा तुझ सा करे नमन खुदा भी जिसको वो कोई और नहीं बस तू है माँ | इस दरिंदों की दुनिया में तेरे आंचल में बेखौफ खेलूं। इन नकाबो की दुनिया में तुझ में बस एक ममता की मूर्त का नकाब देखू | खुद के सपने कहीं पीछे छोड़,बच्चों के सपने साकार करती है । वो कोई और नहीं बस तू है मां, जो बिन कहे सब कुछ करती है | जो बिन पगार 365 दिन काम करें,वीकेंड पर तेरा काम डबल हो जाए | फिर भी थकान तुझे छू ना पाए | खुद की जिंदगी ताउम्र, परिवार के लिए जिए | बांधे रखे परिवार को प्यार से जो और खुद प्यार से विलीन रहे | अपनी इच्छाओं को त्याग कर, बिन कहे सब कुछ कर दे| वो त्याग की मूर्त है तू। वो कोई और नहीं बस तू है माँ | अधिकारियों की खबर नहीं,जिम्मेदारी बखूबी जानती है| अपना निवाला भी देकर,खुद खाली पेट सो जाती है| बदकिस्मत है वह औलाद,जो तेरे बुढ़ापे में तेरा सहारा ना बन पाए। ना दे पाए तुझे दो वक्त की रोटी,जो सजाती थी पकवानों से थाली उनकी | ना समझ हैं वो उस कर्जे,जो ताउम्र उतारे ना उतरेगा| वो बता कर तेरी ममता को फर्ज,खुद औलाद का फर्ज भूल जाते हैं | फिर भी तू अपना आशीर्वाद बरसाए उन पर | तू वो इंसानियत की मिसाल है माँ | जिसे खुदा भी नमन करता है। कैसे भूलू तुझे जिसने मुझे बनाया, मेरे अस्तित्व को मेरी पहचान बनाया| मुझे तो तूने बनाया, मेरा तो खुदा भी तू और संसार भी तू| ना देखा कोई तुझसा, ना पाया कोई खुदा तुझसा | करे नमन खुदा भी जिसको,वो कोई और नहीं बस तू है माँ ©Nitu Rastogi

#Mother #MothersDay2021 #Mothersdayspecial

#ममता

People who shared love close

More like this

Trending Topic