"कोई शोर नही करता
इस रात की गहराई में
गहरी नींद बुलाती है
इस रात की गहराई में
पलकें झपक जाती
बार बार जम्हाई में
हो जाता सब ओझल
इक ही अंगड़ाई में
पूरा करता मैं ख्वाब
इस रात की गहराई में
ख्वाब उड़े जाते हैं मेरे
इस रात की गहराई में
- आंजनेय अंजुल
©Anjul Srivastava"