White बहकते हैं हर रोज़ ये कदम, तुम्हारे पास आने क | हिंदी Shayari

"White बहकते हैं हर रोज़ ये कदम, तुम्हारे पास आने के लिए, न जानें कितने फासले, अभी तय करने हैं तुम्हें पाने के लिए…. बस इसी तरह सोचा किए थे हम अब, तुमसे मिलने तुमसे बतियाने की चाहत ही बाकी न रही न अब दर्द है, न निशाँ मोहब्बत के उजाड़ दिया है आशियां हमने ख़ुद अपने हाथों से तुम रहो सलामत, हम ख़ुश हैं अपनी ख़ुदी में ©हिमांशु Kulshreshtha"

 White बहकते हैं
हर रोज़ ये कदम,
तुम्हारे पास आने के लिए,
न जानें कितने फासले,
अभी तय करने हैं
तुम्हें पाने के लिए….
बस इसी तरह
सोचा किए थे हम
अब, तुमसे मिलने
तुमसे बतियाने
की चाहत ही बाकी न रही
न अब दर्द है, न निशाँ मोहब्बत के
उजाड़ दिया है आशियां हमने
ख़ुद अपने हाथों से
तुम रहो सलामत, हम ख़ुश हैं
अपनी ख़ुदी में

©हिमांशु Kulshreshtha

White बहकते हैं हर रोज़ ये कदम, तुम्हारे पास आने के लिए, न जानें कितने फासले, अभी तय करने हैं तुम्हें पाने के लिए…. बस इसी तरह सोचा किए थे हम अब, तुमसे मिलने तुमसे बतियाने की चाहत ही बाकी न रही न अब दर्द है, न निशाँ मोहब्बत के उजाड़ दिया है आशियां हमने ख़ुद अपने हाथों से तुम रहो सलामत, हम ख़ुश हैं अपनी ख़ुदी में ©हिमांशु Kulshreshtha

खुश हैं..

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