White रूह बिन ज़िंदगी भी बेजान होती है
वक़्त आने पर अपने और परायो की पहचान होती है
दुनिया की भीड़ को, कहते सब अपना है
लेकिन,स्वार्थ का लिबास ओढ़े मुर्दे मे कहाँ जान होती है
©Bhupendra Rawat
#Sad_shayri रूह बिन ज़िंदगी भी बेजान होती है
वक़्त आने पर अपने और परायो की पहचान होती है
दुनिया की भीड़ को, कहते सब अपना है
लेकिन,स्वार्थ का लिबास ओढ़े मुर्दे मे कहाँ जान होती है कोट्स कोट्स इन हिंदी