White जैसे जैसे वक्त बीता और वक्त बदलता गया.. हम लोगो ने भी इबादत और पूजा के त्तथाकथित ढंग मे बदलाव कर दिया हैँ
क्योंकि इबादत के ढंग बदलने से पहले हमारे धर्म और मज़हबो ने भी अपना रूप बदल लिया है तभी तो आज आये दिन हमें
खून खराबो और नफरतों के हिंसक रूप से मुख़ातिब होना पड़ता है
झूझना पडता है
©Parasram Arora
बदलता रूप