धूल मुझे मैला नहीं करती, धूप मुझे काला नहीं करती, | हिंदी Poetry

"धूल मुझे मैला नहीं करती, धूप मुझे काला नहीं करती, मैं उदास नहीं, तुम अपनी ज्योति बरकरार रखना मैंने अपने दृग पखार लिए हैं। ©Bhanu Priya"

 धूल मुझे मैला नहीं करती,
धूप मुझे काला नहीं करती,
मैं उदास नहीं,

तुम अपनी ज्योति बरकरार रखना 
मैंने अपने दृग पखार लिए हैं।

©Bhanu Priya

धूल मुझे मैला नहीं करती, धूप मुझे काला नहीं करती, मैं उदास नहीं, तुम अपनी ज्योति बरकरार रखना मैंने अपने दृग पखार लिए हैं। ©Bhanu Priya

#Happy hindi poetry on life

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