मैं वर्ण हूँ, अकेला हूँ, तो चुप हूँ, अगर मिलकर बन | हिंदी कविता Video

मैं वर्ण हूँ,
अकेला हूँ,
तो चुप हूँ,
अगर मिलकर बन गया शब्द,
तो कोहराम मचा दूँगा,
किसी के दिल मे डर का,
तो किसी के दिल मे प्यार का,
किसी को ना चाहते हुए भी ठेश पहुँचा दूँगा,

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