मोहब्बत से नही जो अब तलक़ पाला पड़ा मेरा, मुंह ये इस
"मोहब्बत से नही जो अब तलक़ पाला पड़ा मेरा,
मुंह ये इसलिए अब तक नही काला पड़ा मेरा ।
ना कोई खरीदने आया ना मैं बेच ही पाया,
मेरे दिल पर ना किसी का न ही ताला पड़ा मेरा।।"
मोहब्बत से नही जो अब तलक़ पाला पड़ा मेरा,
मुंह ये इसलिए अब तक नही काला पड़ा मेरा ।
ना कोई खरीदने आया ना मैं बेच ही पाया,
मेरे दिल पर ना किसी का न ही ताला पड़ा मेरा।।