"दिलों को रोशन करती हुई लो आ गई दीवाली।
पकवान मिष्ठान्न बनाने की सुबह से ही हो गई तैयारी।
द्वार-द्वार सजी है देखो कैसी रंगोली मनभावनी।
मन को उमंगित करती दीवाली होती है हर्षोल्लास वाली।
शाम होते ही दीप से दीप जलाकर दूर होने लगी रात की तारिकी।
पूजा की थाली लिए पूज रहे हैं सभी लक्ष्मी गणेश सरस्वती।
नफरत को भूलाकर देखो सबने दीपमाला प्यार की जला ली।
प्यार की ये लौ कभी न बुझे इसी आशा के साथ आप सभी को शुभ दीपावली।।"