अभी कुछ तो शेष है मुझमें
अभी हारा नहीं हूँ मैं !
एक दिन चमकना है मुझको भी
भले ही तारा नहीं हूँ मैं !
मेरे भीतर भी प्रवाह रहता है
पर जल की धारा नहीं हूँ मैं !
मैं किस्मत को दोष नही देता
क्योंकि किस्मत का मारा नहीं हूँ मैं !
मेरे हृदय में भी प्यार पलता है
भले ही सूरत का प्यारा नहीं हूँ मैं !
सबके सामने अक्सर खुश ही नजर आता हूँ
पर खुश भी सारा का सारा नही हु में !!
©Abeer Singh
time for change