लग रहा है डर।। कोई गम है जो खा रहा है ।। मेरी जुबा | हिंदी Sad

"लग रहा है डर।। कोई गम है जो खा रहा है ।। मेरी जुबां का है असर ।। संसार डगमगा रहा है।। मैं अकेला तो हू नही ।। मगर रिश्ता छूटा जा रहा है ।। भोज बढ़ रहा है ।। शरीर टूटा जा रहा है ।। मैं घूम हो रहा हु साए मैं ।। मेरा सबर काम होता जा रहा है ।। ©Mr. Shayar"

 लग रहा है डर।। कोई गम है जो खा रहा है ।।
मेरी जुबां का है असर ।। संसार डगमगा रहा है।।
मैं अकेला तो हू नही ।। मगर रिश्ता छूटा जा रहा है ।।
भोज बढ़ रहा है ।। शरीर टूटा जा रहा है ।। 
मैं घूम हो रहा हु साए मैं ।। 
मेरा सबर काम होता जा रहा है ।।

©Mr. Shayar

लग रहा है डर।। कोई गम है जो खा रहा है ।। मेरी जुबां का है असर ।। संसार डगमगा रहा है।। मैं अकेला तो हू नही ।। मगर रिश्ता छूटा जा रहा है ।। भोज बढ़ रहा है ।। शरीर टूटा जा रहा है ।। मैं घूम हो रहा हु साए मैं ।। मेरा सबर काम होता जा रहा है ।। ©Mr. Shayar

#retro

People who shared love close

More like this

Trending Topic