बहुत बोलती हो तुम पूरा दिन बस... बक बक जैसे-जैसे | हिंदी कविता

"बहुत बोलती हो तुम पूरा दिन बस... बक बक जैसे-जैसे उम्र बड़ती गई समझ बढ़ती गई अब बढ़ती हुई समझ जीवन को मौन करती जा रही है चुप रहना सिखा रही है। ©pooja verma"

 बहुत बोलती हो तुम
पूरा दिन बस... बक बक
 जैसे-जैसे उम्र बड़ती गई
समझ बढ़ती गई
अब बढ़ती हुई समझ 
जीवन को मौन करती जा रही है
चुप रहना सिखा रही है।

©pooja verma

बहुत बोलती हो तुम पूरा दिन बस... बक बक जैसे-जैसे उम्र बड़ती गई समझ बढ़ती गई अब बढ़ती हुई समझ जीवन को मौन करती जा रही है चुप रहना सिखा रही है। ©pooja verma

बहुत बोलती हो तुम

#Silence

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