White राजस्थान का रेगिस्तान था मेरा दिल,
वो मासिनराम की बरसात बनके आई।
कैक्टस के कांटों सा मेरा दिन गुजर रहा था
वो लद्दाख कि सर्दी वाली रात बनके आई।
सुख, चैन, सुकुन सब मुह मोड चुके थे मुझसे
फिर ऐसे में वो खुशियों की सौगात बनके आई।
©Shayari Lover
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