वह चाहत ही क्या जो तेरे बिना हो,
वह दर्पण ही क्या जिसमें तू ना दिखे,
वह बात ही क्या जिसमे तेरा जिक्र ना हो,
वह नाम ही क्या जिसमें तेरे नाम का अक्षर ना हो,
वो जिंदगी ही क्या जो तेरे साथ ना हो।
©Ek Gumnam Parinda
वाह जिंदगी ही क्या जो तेरे बिना हो।
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