इतनी रंगीन न हो ए मौसम हर किसी के पास मेहबूब नहीं | हिंदी Shayari

"इतनी रंगीन न हो ए मौसम हर किसी के पास मेहबूब नहीं होती शामे गुजारने के लिए। ©Rakesh Rawani"

 इतनी रंगीन न हो ए मौसम
हर किसी के पास मेहबूब नहीं होती
शामे गुजारने के लिए।

©Rakesh Rawani

इतनी रंगीन न हो ए मौसम हर किसी के पास मेहबूब नहीं होती शामे गुजारने के लिए। ©Rakesh Rawani

#eveningthoughts Rakesh Rawani shayari

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