ll सुप्रभात ll ll विभावरी की चाय ll चाय बुझाती हैं | मराठी कविता

"ll सुप्रभात ll ll विभावरी की चाय ll चाय बुझाती हैं गर प्यास l रिश्तो की बढाए आंस ll साथ में कोई ना हो तो l तनहाई का सत्यानास ll @ विभावरी.🙏 ©Vidyadhar Bhagwat"

 ll सुप्रभात ll
ll विभावरी की चाय ll
चाय बुझाती हैं गर प्यास l
रिश्तो की बढाए आंस ll
साथ में कोई ना हो तो l
तनहाई का सत्यानास ll
@ विभावरी.🙏

©Vidyadhar Bhagwat

ll सुप्रभात ll ll विभावरी की चाय ll चाय बुझाती हैं गर प्यास l रिश्तो की बढाए आंस ll साथ में कोई ना हो तो l तनहाई का सत्यानास ll @ विभावरी.🙏 ©Vidyadhar Bhagwat

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