कृपानिधि शिव ही अजर शिव अमर शंभु शंकर शशिशेखरम,

"कृपानिधि शिव ही अजर शिव अमर शंभु शंकर शशिशेखरम, शिव जगत ब्रहम शिव शूलपाणी रुद्र देव हरि शंकरम! शिव ही सत्य है,शिव आमोद शिव ही शोध है, शिव ही तथ्य है, शिव ही समस्त जगत का बोध है ! आदि शिव अंत शिव योगी भी शिव है, शिव धरा में बसे अनीश्वर निरोगी भी शिव है ! शिव ही है अनंत त्रयम्बक, जटाधारी और विश्वेश, शिव में ही है समाहित सभी सुख और सभी क्लेश! कृपानिधि शिव ही अजर शिव अमर शंभु शंकर शशिशेखरम, शिव जगत ब्रहम शिव शूलपाणी रुद्र देव हरि शंकरम! शिव ही हैं विश्वेश्वर बेअंत और आदिदेव, शिव ही सार ग्रंथ और शिव ही समस्त वेद ! शिव है आराध्य सबके और देवों के देव, शिव से चलता सम्पूर्ण जग और वेग ! कृपानिधि शिव ही अजर शिव अमर शंभु शंकर शशिशेखरम, शिव जगत ब्रहम शिव शूलपाणी रुद्र देव हरि शंकरम! शिव शिव दिल से बोलो सब कुछ है शिव में समाया, हरा न सकी कभी विपत्तियां उनको, जो है शिव को भाया ! ग्रह नक्षत्र राग बेराग तांडव स्वर छंद सब है शिव की माया, शिव है स्वरमयी परम ब्रह्म और समस्त जग शिव में समाया ! कृपानिधि शिव ही अजर शिव अमर शंभु शंकर शशिशेखरम, शिव जगत ब्रहम शिव शूलपाणी रुद्र देव हरि शंकरम! ©Thakur Vivek Krishna"

 कृपानिधि शिव ही अजर शिव अमर शंभु शंकर शशिशेखरम, 
 शिव जगत ब्रहम शिव शूलपाणी रुद्र देव हरि शंकरम! 

शिव ही सत्य है,शिव आमोद शिव ही शोध है, 
शिव ही तथ्य है, शिव ही समस्त जगत का बोध है ! 

 आदि शिव अंत शिव योगी भी शिव है,
 शिव धरा में बसे अनीश्वर निरोगी भी शिव है ! 
 
शिव ही है अनंत त्रयम्बक, जटाधारी और विश्वेश, 
 शिव में ही है समाहित सभी सुख और सभी क्लेश! 

 कृपानिधि शिव ही अजर शिव अमर शंभु शंकर शशिशेखरम, 
 शिव जगत ब्रहम शिव शूलपाणी रुद्र देव हरि शंकरम! 
 
शिव ही हैं विश्वेश्वर बेअंत और आदिदेव, 
 शिव ही सार ग्रंथ और शिव ही समस्त वेद ! 

 शिव है आराध्य सबके और देवों के देव, 
 शिव से चलता सम्पूर्ण जग और वेग !
 
कृपानिधि शिव ही अजर शिव अमर शंभु शंकर शशिशेखरम, 
 शिव जगत ब्रहम शिव शूलपाणी रुद्र देव हरि शंकरम! 
  
शिव शिव दिल से बोलो सब कुछ है शिव में समाया, 
  हरा न सकी कभी विपत्तियां उनको, जो है शिव को भाया !
 
ग्रह नक्षत्र राग बेराग तांडव स्वर छंद सब है शिव की माया,
शिव है स्वरमयी परम ब्रह्म और समस्त जग शिव में समाया !
   
कृपानिधि शिव ही अजर शिव अमर शंभु शंकर शशिशेखरम, 
 शिव जगत ब्रहम शिव शूलपाणी रुद्र देव हरि शंकरम!

©Thakur Vivek Krishna

कृपानिधि शिव ही अजर शिव अमर शंभु शंकर शशिशेखरम, शिव जगत ब्रहम शिव शूलपाणी रुद्र देव हरि शंकरम! शिव ही सत्य है,शिव आमोद शिव ही शोध है, शिव ही तथ्य है, शिव ही समस्त जगत का बोध है ! आदि शिव अंत शिव योगी भी शिव है, शिव धरा में बसे अनीश्वर निरोगी भी शिव है ! शिव ही है अनंत त्रयम्बक, जटाधारी और विश्वेश, शिव में ही है समाहित सभी सुख और सभी क्लेश! कृपानिधि शिव ही अजर शिव अमर शंभु शंकर शशिशेखरम, शिव जगत ब्रहम शिव शूलपाणी रुद्र देव हरि शंकरम! शिव ही हैं विश्वेश्वर बेअंत और आदिदेव, शिव ही सार ग्रंथ और शिव ही समस्त वेद ! शिव है आराध्य सबके और देवों के देव, शिव से चलता सम्पूर्ण जग और वेग ! कृपानिधि शिव ही अजर शिव अमर शंभु शंकर शशिशेखरम, शिव जगत ब्रहम शिव शूलपाणी रुद्र देव हरि शंकरम! शिव शिव दिल से बोलो सब कुछ है शिव में समाया, हरा न सकी कभी विपत्तियां उनको, जो है शिव को भाया ! ग्रह नक्षत्र राग बेराग तांडव स्वर छंद सब है शिव की माया, शिव है स्वरमयी परम ब्रह्म और समस्त जग शिव में समाया ! कृपानिधि शिव ही अजर शिव अमर शंभु शंकर शशिशेखरम, शिव जगत ब्रहम शिव शूलपाणी रुद्र देव हरि शंकरम! ©Thakur Vivek Krishna

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