"व्यक्ति जो ठोकर खाकर सीखता है। मां - बाप उसे ठोकर खाने से पहले ही सीखाने की कोशिश करते है। लेकिन ये मनुष्य प्रकृति है। कि ठोकर खाने के बाद ही सीखती है।"
व्यक्ति जो ठोकर खाकर सीखता है। मां - बाप उसे ठोकर खाने से पहले ही सीखाने की कोशिश करते है। लेकिन ये मनुष्य प्रकृति है। कि ठोकर खाने के बाद ही सीखती है।