माई बाप उम्र के एक पड़ाव के बाद, राखी बांधते वक् | हिंदी विचार

"माई बाप उम्र के एक पड़ाव के बाद, राखी बांधते वक्त भाई से अपनी रक्षा का वचन लेने से कहीं ज्यादा ज़रूरी बहन को लगता है भाई का उस वक्त उसका साथ देना जब मां बाप उम्र के अंतिम दौर में हों और वो बेटी उस वक्त देख सके उन्ही उम्मीदों भरी नजरों से भाई की तरफ जिनसे अब तक मां बाप को देखती आई हैं और सुनिश्चित करती आई हैं अपनों के होने की संतुष्टि। ©Nehapanwar"

 माई बाप 
उम्र के एक पड़ाव के बाद,
 राखी बांधते वक्त भाई से अपनी रक्षा का वचन लेने से कहीं ज्यादा ज़रूरी बहन को लगता है भाई का उस वक्त उसका साथ देना जब मां बाप उम्र के अंतिम दौर में हों और वो बेटी उस वक्त देख सके उन्ही उम्मीदों भरी नजरों से भाई की तरफ जिनसे अब तक मां बाप को देखती आई हैं और सुनिश्चित करती आई हैं अपनों के होने की संतुष्टि।

©Nehapanwar

माई बाप उम्र के एक पड़ाव के बाद, राखी बांधते वक्त भाई से अपनी रक्षा का वचन लेने से कहीं ज्यादा ज़रूरी बहन को लगता है भाई का उस वक्त उसका साथ देना जब मां बाप उम्र के अंतिम दौर में हों और वो बेटी उस वक्त देख सके उन्ही उम्मीदों भरी नजरों से भाई की तरफ जिनसे अब तक मां बाप को देखती आई हैं और सुनिश्चित करती आई हैं अपनों के होने की संतुष्टि। ©Nehapanwar

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