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"मुट्ठी भरके आसमां चाहिए किसको यहां फैल सकती हो नजर हो रुका सा कुछ सफर बिन कहें बीते उमर खुद का तिनका और डगर चाहिए बस वहां तक खुद के जैसा कुछ असर ©Krity Dubey "
मुट्ठी भरके आसमां चाहिए किसको यहां फैल सकती हो नजर हो रुका सा कुछ सफर बिन कहें बीते उमर खुद का तिनका और डगर चाहिए बस वहां तक खुद के जैसा कुछ असर ©Krity Dubey
#Ambitions #खोज #life_goals
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