मक़सद अगर ज़िंदगी का कोई मकसद ना हो तो जिंदगी बोझ लगने लगती है,कोई एक मकसद ही काफी होता है एक सार्थक जीवन बिताने के लिए।हर व्यक्ति का कोई ना कोई मकसद तो होना ही चाहिए जिसके लिए वह ज़िंदगी जी सके ना कि ज़िंदगी को काटता रहे।असली जिंदगी वही है जो किसी मकसद के लिए जी जाए और उसी मकसद के लिए कुर्बान कर दी जाए ।मकसद के साथ ज़िंदगी जीने की इच्छा हमेशा बनी रहती है ।
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